नई दिल्ली. हो सकता है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अगले साल चौके, छक्के लगने और विकेट गिरने पर डांस करने वाली चीयरलीडर्स न दिखें। सूत्रों के मुताबिक इस साल के आईपीएल के बाद बीसीसीआई चीयरलीडर्स पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार कर रहा है। आईपीएल के छठे एडिशन में स्पॉट फिक्सिंग का विवाद सामने आने के बाद बीसीसीआई ने फोकस क्रिकेट पर रखने पर जोर दिया था। चीयरलीडर्स पर रोक को लेकर मंथन को बोर्ड के बदले रुख से जोड़ा जा रहा है। इस बीच, चीयरलीडर्स पर बैन लगने से पहले ही दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल की पहली टीम बन गई है, जिसने चीयरलीडर्स से तौबा कर ली है। शनिवार को हैदराबाद सनराइजर्स के खिलाफ विशाखापट्टनम में हुए मैच के दौरान दिल्ली की चीयरलीडर्स दिखाई नहीं दीं।

दिल्ली डेयरडेविल्स के मैनेजमेंट को लगता है कि चीयरलीडर्स खेल में कुछ भी नया नहीं जोड़ पा रही हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ हेमंत दुआ ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि उनकी टीम के मैनेजमेंट को लगता है कि चीयरलीडर्स की कोई जरूरत नहीं है। उसकी जगह ड्रम बजाने वाले रखे जाएंगे। उन्होंने कहा, 'हमें चीयरलीडर्स की क्या जरूरत है? हमें लगता है कि कई बार यह एकरस (मोनोटोनस) हो जाता है। इसकी जगह हमें दिल्ली के लोकल टैलेंट को बढ़ावा देना चाहिए। यही वजह है कि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में हम ऐसी व्यवस्था करेंगे। जब हम बाहर मैच खेलेंगे तो दूसरी टीमें मनोरंजन की व्यवस्था करेंगी।'